- अब से पेट्रोल पम्प पर मिलेगा E20 पेट्रोल
- E20 पेट्रोल यानी इथेनॉल-पेट्रोल की पूरी पड़ताल
प्रदूषण को कम करने और वैकल्पिक ईंधन की तलाश में भारतीय बाज़ार में E20 पेट्रोल ने अपने क़दम रख लिए हैं। यह सरकार के ईबीपी यानी इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम का हिस्सा है। भारत सरकार ने इसे पेट्रोल पम्प्स पर उपलब्ध होने का ऐलान कर दिया है। हमें यक़ीन है, कि इस ख़बर को पढ़ते ही E20 पेट्रोल के बारे में आपके मन में ढेरों सवाल उठ रहे होंगे। आज के इस आलेख में हम उन्हीं सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। यहां हम बात करेंगे, कि इथेनॉल बनता कैसे है, इसके क्या फ़ायदे और नुक़सान हैं और क्या आप अपनी गाड़ी में इस नए फ़्यूल विकल्प को भरा सकते हैं?
कैसे बनता है इथेनॉल?
केमिस्ट्री के फ़ॉर्मूला C₂H₆O को ही आम भाषा में इथेनॉल कहा जाता है। इथेनॉल यह गन्ने, ख़राब हो चुके अनाज के टुकड़ों से निकाला जाता है। इसे देश में स्थानीय तौर पर तैयार किया जा रहा है। इस इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिलाकर नया फ़्यूल तैयार किया जाएगा। 20-80 फ़ॉर्मूला पर तैयार किए जाने वाले इस फ़्यूल में 20% इथेनॉल और 80% गैसोलीन होता है।
क्या है E20 पेट्रोल के फ़ायदे?
इथेनॉल एक रिनुएबल एनर्जी सोर्स है, जिससे पेट्रोलियम की तुलना में इनका कार्बन उत्सर्जन कम है। इसके साथ ही भारत कच्चे तेल और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स की खपत के मामले में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है। देश में सरकार ने अपने तेल के आयात को कम करने के लिए यह क़दम उठाया है। इसके साथ ही इससे हमारे कार्बन इमिशन यानी कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी और देश के किसानों को अतिरिक्त आय का साधन भी मिलेगा।
साल 2018 में सरकार ने तय किया, कि साल 2030 तक 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मिला पेट्रोल देश में बिकने लगेगा। बाद में इस समय सीमा को पांच साल कम कर 2025 कर दिया गया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया एनर्जी वीक में छह फ़रवरी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर E20 को लॉन्च किया।
ऐसा नहीं है, कि यह पहली बार किया जा रहा है। साल 2022 तक देश में पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाने की योजना को पूरा कर लिया गया है।
कहां मिलेगा E20 फ़्यूल?
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और यूके की कंपनी बीपी के साथ मिलकर यह 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल को लॉन्च किया गया है। जिसका इस्तेमाल पैसेंजर वीइकल, कमर्शियल वीइकल्स, ट्रक्स और बाइक्स में भी किया जा सकेगा। जियो-बीपी की इस साझेदारी के तहत फ़िलहाल, E20 पेट्रोल 15 शहरों के 84 पेट्रोल पम्प्स पर मिलेगा। ये पेट्रोल पंप हिमाचल, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, कर्नाटक जैसे राज्यों के अलावा दमन व दीव, दादरा व नागर हवेली जैसे केंद्र शासित इलाक़ों में भी मिलेगा। सरकार का इसे दो साल के अंदर पूरे देश में उपलब्ध कराने की योजना है। मौजूदा समय में इसे जियो-बीपी के पेट्रोल पम्प्स पर ख़रीदा जा सकता है।
क्या सचमुच सस्ता होगा E20 पेट्रोल?
सरकार का कहना है कि 2013-14 में पेट्रोल में क़रीब 1.5 प्रतिशत इथेनॉल मिला होता था। साल 2022 तक यह आंकड़ा 10 प्रतिशत पर पहुंच गया और 2025 तक 20 प्रतिशत तक इसे ले जाने की योजना है। इस फ़्लेक्स फ़्यूल की क़ीमत 60 रुपए प्रति लीटर हो सकती है।
सरकार का कहना है कि इथेनॉल-पेट्रोल के मिश्रण वाले फ़्यूल की बिक्री से 41,500 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इससे देश को कम कच्चा तेल आयात करना पड़ेगा।
क्या आप अपनी गाड़ी में भरवा सकते हैं E20 पेट्रोल?
इथेनॉल गाड़ी के हिस्सों का क्षय भी कर सकता है, जिससे लंबे समय में गाड़ी को मेंटेन करने का ख़र्च बढ़ सकता है। इसलिए ऐसे गाड़ियों की ज़रूरत होगी, जो इस नए फ़्यूल के अनुकूल तैयार की जाएगी। इस नए मिश्रित फ़्यूल यानी फ़्लेक्स फ़्यूल के लिए कई ब्रैंड्स ने अपनी गाड़ियों को अपग्रेड किया है। स्कोडा की कुशाक और फ़ॉक्सवैगन की टाइगन, टाटा की हैरियर और सफ़ारी भी इस सूची में शामिल हैं। मारुति ने पहले ही ऐलान किया है, कि 1, अप्रैल 2023 से उनकी सभी गाड़ियां E20 फ़्यूल के अनुकूल होंगी।
गाड़ियों में फ़्लेक्स फ़्यूल को भरवाने के लिए अपडेट करने के लिए मैन्युफ़ैक्चर्स को अतिरिक्त ख़र्च करना होगा। क़यास लगाए जा रहे हैं, कि गाड़ी को अपडेट करने के ख़र्च को मैन्युफ़ैक्चर्स ग्राहकों से ही वसूलेंगे। ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है, कि क्या लंबे समय में यह बढ़ी क़ीमत चुकाना कितना फ़ायदे का सौदा होगा?
बता दें, कि इसके साथ ही E10 फ़्यूल भी बाज़ार में मिलता रहेगा।
कुछ तस्वीरें कौस्तुभ गांधी द्वारा खींची गई हैं।